Chanda | Ardaas.Life - A Modern Seeker’s MahaShivPuran
23 episodes
3 days ago
Drop us a message, apni baat humse keh dijiye जब हवा में कोयल का गीत घुलता है और घाटियों पर वसंत का रंग बिखरता है, तब भी कैलाश पर बैठा योगी अचल कैसे रहता है? हम कहानी खोलते हैं जहां ब्रह्मा एक सरल प्रश्न से गहरी खोज शुरू करते हैं: कामदेव, रति और वसंत ने मिलकर शिव को जगाने की हर युक्ति आजमाई, फिर भी समता क्यों न टूटी। दक्ष की उलझन मानव मन की दुविधा जैसी है—आकर्षण सर्वत्र है, पर व्रत के सामने वह क्यों ठहर जाता है। इसी पथ पर हम देखते हैं कि प्रकृति माहौल बदल सकती है, पर नीयत नहीं; दृश्य मोहित क...
All content for Har Din MahaShivPuran is the property of Chanda | Ardaas.Life - A Modern Seeker’s MahaShivPuran and is served directly from their servers
with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
Drop us a message, apni baat humse keh dijiye जब हवा में कोयल का गीत घुलता है और घाटियों पर वसंत का रंग बिखरता है, तब भी कैलाश पर बैठा योगी अचल कैसे रहता है? हम कहानी खोलते हैं जहां ब्रह्मा एक सरल प्रश्न से गहरी खोज शुरू करते हैं: कामदेव, रति और वसंत ने मिलकर शिव को जगाने की हर युक्ति आजमाई, फिर भी समता क्यों न टूटी। दक्ष की उलझन मानव मन की दुविधा जैसी है—आकर्षण सर्वत्र है, पर व्रत के सामने वह क्यों ठहर जाता है। इसी पथ पर हम देखते हैं कि प्रकृति माहौल बदल सकती है, पर नीयत नहीं; दृश्य मोहित क...
Ep 14 | Andhakaar se Prakaash — Srishti Khand ka Saar
Har Din MahaShivPuran
25 minutes
1 month ago
Ep 14 | Andhakaar se Prakaash — Srishti Khand ka Saar
Drop us a message, apni baat humse keh dijiye Mahapralay ke shoonya se shuru hoti hai nayi srishti. Shiv aur Shakti ke manthan mein, hum apni hi yatra dekhte hain — Bhay se Vishwas tak, Samay se Samarpan tak, Maya aur Ahankaar se Guru aur Kripa tak. Sangatji, yeh katha sirf srishti ki nahi… hum sab ke andar ho rahe ek jagran ki hai. Is Diwali, apni roshni ko andar se jalaaiye. ✨ Jai Guruji | Om Namah Shivaya —————- In this special episode of Har Din MahaShivPuran, we revisit the Srishti Khan...
Har Din MahaShivPuran
Drop us a message, apni baat humse keh dijiye जब हवा में कोयल का गीत घुलता है और घाटियों पर वसंत का रंग बिखरता है, तब भी कैलाश पर बैठा योगी अचल कैसे रहता है? हम कहानी खोलते हैं जहां ब्रह्मा एक सरल प्रश्न से गहरी खोज शुरू करते हैं: कामदेव, रति और वसंत ने मिलकर शिव को जगाने की हर युक्ति आजमाई, फिर भी समता क्यों न टूटी। दक्ष की उलझन मानव मन की दुविधा जैसी है—आकर्षण सर्वत्र है, पर व्रत के सामने वह क्यों ठहर जाता है। इसी पथ पर हम देखते हैं कि प्रकृति माहौल बदल सकती है, पर नीयत नहीं; दृश्य मोहित क...