
वो पुराना रेल्वे पुल कोयला लाने वाली ट्रेन के लिए बनाया गया था। इस वजह से उस पर इतनी जगह नहीं थी कि उसे कोई आसानी से पार कर लें। उसे पार करने का एक ही तरीका था और वो था, पटरियों के बीच से चलकर जाना..। विवेक जेटली की आवाज़ में सुनिए दिलीप कापसे की क़लम से निकली मज़ेदार लेकिन दिमाग़ हिला देने वाली कहानी की सीरिज़ का दूसरा हिस्सा.. बल्लू दादा और ख़ुर्रम खुरची। #KissaBazaar #HindiStory #VivekJaitly #DilipKumarKapse #BalluDada #StoryTeller #StoryTelling #HindiStoryTelling #NewStories #StoriesByDilipKumarKapse #StoryTellerVivekJaitly #KhurramKhurchi #क़िस्साबाज़ार #हिंदीकहानी #दिलीपकुमारकापसे #विवेकजेटली #बल्लूदादा हमारे साथ जुड़ने के लिए Subscribe करें हमारा चैनल #kIssaBazaar और अगर आपको ये वीडियो पसंद आया हो तो Like, Comment, Share ज़रूर करें।