
बड्डे-बड्डे पूरा शोभापुरी हो गया था। उसने बुरी संगत वाले लड़कों के साथ रहकर तंबाखू वाला गुटखा खाना सीख लिया था। ये ज़रा अलग तरह का माल होता है। बीड़ी पत्ती, सुपारी, चूना और कुछ तरह-तरह के फ़्लेवर्स मिलाने के बाद एक पॉलिथिन में इन सबको भरकर हथेली पर ख़ूब रगड़ा जाता है। फिर जाकर तैयार होता है ये गुटखा। इसमें कत्था नहीं होता इसलिए लाल पिचकारी नहीं बनती, पीली बनती है। विवेक जेटली की आवाज़ में सुनिए दिलीप कापसे की यादों से निकला एक मज़ेदार लेकिन दिमाग़ हिला देने वाला क़िस्सा। #KissaBazaar #HindiStory #VivekJaitly #DilipKumarKapse #KahaanSeAayaThaWoh #StoryTeller #StoryTelling #HindiStoryTelling #NewStories #StoriesByDilipKumarKapse #StoryTellerVivekJaitly हमारे साथ जुड़ने के लिए Subscribe करें हमारा चैनल #kIssaBazaar और अगर आपको ये वीडियो पसंद आया हो तो Like, Comment, Share ज़रूर करें।