जीवनशैली क्या हो? हम शान्त, आनन्दित कैसे रहें? ये प्रश्न सदा से मानव मन मेंं उठते रहे हैंं। विचारकों ने विचार करके, तरीक़े निकाले, उस तरह जीये। उनका जीवन शान्त, आनन्दित हो गया तो उन्होंने वे तरीके लिख दिये।भारत मेंं उन्हें शास्त्र नाम दे दिया गया। वेद, उपनिषद, गीता आदि।पूरे संसार में अनेकों व्यक्तियों ने इसके बारे मेंं लिखा। रुमी, लाओत्सू, आदि। पर, समय के बदलने के साथ-साथ उन शास्त्रों के मतलब भी बदल दिये गये। उसका परिणाम हम आज कर्मकांड, अंधविश्वास आदि के रूप मेंं देख रहे हैं।मुझे लगा उन पुस्तकों के सही रूप को हिन्दी भाषा मेंं लिख दूं तो मैंने कुछ पुस्तकों का अनुवाद कर दिया।
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जीवनशैली क्या हो? हम शान्त, आनन्दित कैसे रहें? ये प्रश्न सदा से मानव मन मेंं उठते रहे हैंं। विचारकों ने विचार करके, तरीक़े निकाले, उस तरह जीये। उनका जीवन शान्त, आनन्दित हो गया तो उन्होंने वे तरीके लिख दिये।भारत मेंं उन्हें शास्त्र नाम दे दिया गया। वेद, उपनिषद, गीता आदि।पूरे संसार में अनेकों व्यक्तियों ने इसके बारे मेंं लिखा। रुमी, लाओत्सू, आदि। पर, समय के बदलने के साथ-साथ उन शास्त्रों के मतलब भी बदल दिये गये। उसका परिणाम हम आज कर्मकांड, अंधविश्वास आदि के रूप मेंं देख रहे हैं।मुझे लगा उन पुस्तकों के सही रूप को हिन्दी भाषा मेंं लिख दूं तो मैंने कुछ पुस्तकों का अनुवाद कर दिया।
This Episode contains some thoughts of the Author, Malti Johari, in prose.
These are thoughts relating to nature, behaviour of people, thoughts on characters in mythology and Indian epics like the Mahabharata and some small and big events in life.
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जीवनशैली क्या हो? हम शान्त, आनन्दित कैसे रहें? ये प्रश्न सदा से मानव मन मेंं उठते रहे हैंं। विचारकों ने विचार करके, तरीक़े निकाले, उस तरह जीये। उनका जीवन शान्त, आनन्दित हो गया तो उन्होंने वे तरीके लिख दिये।भारत मेंं उन्हें शास्त्र नाम दे दिया गया। वेद, उपनिषद, गीता आदि।पूरे संसार में अनेकों व्यक्तियों ने इसके बारे मेंं लिखा। रुमी, लाओत्सू, आदि। पर, समय के बदलने के साथ-साथ उन शास्त्रों के मतलब भी बदल दिये गये। उसका परिणाम हम आज कर्मकांड, अंधविश्वास आदि के रूप मेंं देख रहे हैं।मुझे लगा उन पुस्तकों के सही रूप को हिन्दी भाषा मेंं लिख दूं तो मैंने कुछ पुस्तकों का अनुवाद कर दिया।