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इस हफ्ते की चर्चा में बिहार के चुनावी नतीजों पर विस्तार से बात की गई. यूट्यूब पर लाइव हुई इस बातचीत में नतीजों से पहले उठने वाले सवालों जैसे दो दशकों से ज़्यादा और सबसे लंबे वक्त तक बिहार के मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड बनाने वाले नीतीश कुमार का भविष्य क्या होगा? क्या जातीय समीकरण, हर घर सरकारी नौकरी और 'वोट-चोरी' जैसे मुद्दों के सहारे इंडिया गठबंधन कुर्सी तक पहुंच पाएगा? क्या एनडीए बेरोजगारी, पलायन और सत्ता-विरोधी लहर जैसी चुनौतियों को पार कर सत्ता में वापसी कर पाएगी? या फिर जन सुराज पार्टी के जरिए प्रशांत किशोर जैसे नए खिलाड़ी बिहार की सत्ता में कोई जगह बना पाएंगे? और सबसे महत्वपूर्ण बात नीतीश कुमार का भविष्य क्या होगा? आदि को लेकर लाइव चर्चा हुई.
इस बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार कादंबिनी शर्मा और हृदयेश जोशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन, रिपोर्टर बसंत कुमार और स्तंभकार आनंद वर्धन ने चर्चा में हिस्सा लिया. न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने इस लाइव चर्चा का संचालन किया.
महागठबंधन को मिली करारी शिकस्त के बारे में अतुल चौरसिया ने कहा, “गठबंधन की अपनी कई असुरक्षाएं हैं.यह जो बड़ी हार हुई है यह एकदम से नहीं हुई है. इनकी ओछी राजनीति है जो इन्हें लगातर हार की तरफ धकेल रही है. एक तरफ इतना संगठित ढांचा है तो दूसरी तरफ यह बिखरा हुआ गठबंधन.”
इस बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कादम्बिनी कहती हैं, “बिहार में ग्राउंड पर यह तो ज़रूर लग रहा था कि जीतेगा एनडीए लेकिन 202 का जो आंकड़ा निकलकर आया है यह नहीं लग रहा था.”
सुनिए पूरी चर्चा -
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