
नीतिवचन ३ हमे सिखाता है कि पूरी तरह से परमेश्वर को समर्पित होकर किस प्रकार चला जा सकता है। किस प्रकार प्रभु को प्राथमिकता दी जा सकती है। क्या ऐसा कुछ हो सकता है जो प्रभु हमे सिखाए जो सिर्फ जीवन के एक हिस्से में नहीं परन्तु जीवन के हर हिस्से में प्रभाव डालेगा? नीतिवचन ३ में देखते है ।