
Mirza Ghalib 10 best Shayaris
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या हैतुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है,वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता !
बिजली इक कौंध गयी आँखों के आगे तो क्या,बात करते कि मैं लब तश्न-ए-तक़रीर भी था।