
यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसने अपने जीवन में किए गए बुरे कर्मों का फल भुगता।नैतिक शिक्षा:इस कहानी की नैतिक शिक्षा यह है कि कर्म का सिद्धांत अकाट्य है। अच्छे कर्मों का फल अच्छा होता है और बुरे कर्मों का फल बुरा। मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए और किसी भी प्राणी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए।