आज का ये एपिसोड दीपक कनाडे के गहन विचारों पर आधारित है, जिसमें ध्यान और साक्षी अवस्था के संबंधों पर चर्चा की गई है। वक्ता ध्यान को साक्षी तक पहुँचने का एक मार्ग या विधि बताते हैं, जबकि साक्षी को हमारा वास्तविक स्वभाव और अंतिम लक्ष्य के रूप में वर्णित किया गया है। यह संवाद आत्म-खोज के विभिन्न पहलुओं को सरल बनाने और अहंकार से पूर्ण मुक्ति की संभावना पर विचार करने का प्रयास करता है। इसका मुख्य उद्देश्य ध्यान को यात्रा और साक्षी को मंजिल के रूप में स्पष्ट करना है।
आज के एपिसोड में हम बात करेंगे ध्यान के दो मुख्य प्रकारों की —
**एकाग्रता ध्यान** और **चिंतन ध्यान**।
हम जानेंगे कि श्वास, मंत्र, स्वरूप और निराकार —
ये चार उप-रूप एकाग्रता ध्यान के आधार हैं।
साथ ही… योग के *अष्टांग मार्ग* की भी एक झलक मिलेगी —
जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा और ध्यान शामिल हैं।
ध्यान कोई त्वरित उपाय नहीं…
बल्कि यह एक गहरी साधना है —
जिसमें समर्पण, वैराग्य और निरंतर अभ्यास की ज़रूरत होती है।
सीजन 2 की शुरुआत होती है 'ध्यान: भीतर की यात्रा' से — जहाँ हम आत्मा की गहराइयों में उतरते हैं और शांति की असली परिभाषा को खोजते हैं। यह एपिसोड ध्यान की शक्ति और जीवन में इसके सकारात्मक प्रभावों को उजागर करता है।"
"आत्मगर्भ" का अर्थ है आत्मा की वह यात्रा जो गर्भ में आने से लेकर मृत्यु तक चलती है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि आत्मा शरीर धारण करने से पहले भी अस्तित्व में होती है और मृत्यु के बाद भी अपनी यात्रा जारी रखती है। इस एपिसोड में हम चर्चा करेंगे:
आत्मा का गर्भ में प्रवेश (Garbha Pravesh)
जन्म के समय चेतना की स्थिति
जीवनकाल में आत्मा का अनुभव और विकास
मृत्यु के क्षण में आत्मा की स्थिति
पुनर्जन्म की प्रक्रिया और कर्म सिद्धांत
यह पॉडकास्ट उन श्रोताओं के लिए है जो आत्मा और जीवन के गहरे रहस्यों को समझना चाहते हैं — एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, जो वेदों, उपनिषदों और पुराणों में वर्णित है।
भारत, नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और सभी हिन्दू प्रवासी समुदाय के लोग जो आत्मिक ज्ञान में रुचि रखते हैं।
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"शरीरों की गति और यात्रा" एक गहन आध्यात्मिक विषय है जो मानव अस्तित्व के भौतिक और सूक्ष्म पक्षों की पड़ताल करता है। इस एपिसोड में हम जानेंगे कि कैसे शरीर केवल हड्डियों और मांस का ढांचा नहीं है, बल्कि यह एक वाहन है आत्मा की यात्रा के लिए। हिन्दू दर्शन के अनुसार, शरीर जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र का एक हिस्सा है।
हम चर्चा करेंगे:
स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीर की अवधारणा
प्राचीन ग्रंथों में शरीर की भूमिका
आत्मा की यात्रा में शरीर का महत्त्व
योग और ध्यान के माध्यम से शरीर की गति का नियंत्रण
मृत्यु के बाद शरीर की गति और पुनर्जन्म की प्रक्रिया
यह एपिसोड उन सभी के लिए है जो शरीर को केवल भौतिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधन के रूप में समझना चाहते हैं। आइए आत्म-चिंतन और आध्यात्मिक जागरूकता की इस यात्रा पर साथ चलें।
भारत, नेपाल, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और समस्त हिंदू प्रवासी समुदाय।
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दीपक कानडे, ON | कनाडा से हैं और जीवन का रहस्य पॉडकास्ट के इंटरव्यू प्रोड्यूसर और स्क्रिप्ट लेखक हैं। यह एक हिंदी आध्यात्मिक पॉडकास्ट है जो आत्मा, जीवन के रहस्य और हिन्दू दर्शन की गहराइयों को उजागर करता है। दीपक प्रत्येक एपिसोड के लिए विषय चुनते हैं और गहन प्रश्नों द्वारा आत्म-चिंतन की दिशा में संवाद का निर्माण करते हैं।( Dipak Kanade, from ON | Canada, is the Interview Producer and Scriptwriter behind Jivan ka Rahasya, a Hindi-language spiritual podcast exploring the hidden truths of life, the soul, and consciousness. Dipak curates thoughtful topics and crafts insightful questions rooted in Hindu philosophy to guide each interview on a journey of self-discovery and inner awakening.)
इस एपिसोड में:
हम मानव अस्तित्व के तीन प्रमुख आयामों — देह (शरीर), मन (विचार और भावनाएं) और चेतना (आत्मिक ऊर्जा) — के गहरे संबंध और समन्वय को समझने का प्रयास करेंगे।
कैसे ये तीनों मिलकर हमारे जीवन की दिशा और अनुभवों को तय करते हैं?
क्या सिर्फ शरीर और मन को समझना पर्याप्त है, या चेतना की जागरूकता ही जीवन की सच्ची कुंजी है?
यह एपिसोड आपको एक गहरी आत्मदृष्टि और आंतरिक शांति की ओर मार्गदर्शन देगा।
In this episode:
We explore the deep relationship between the body, the mind, and consciousness. How do these three layers of existence influence our life and inner peace? Is understanding the body and mind enough, or is awakening to our inner consciousness the real key?
🪔 इस एपिसोड में हम चित्त की पाँच अवस्थाओं — क्षिप्त, मूढ़, विक्षिप्त, एकाग्र और निरुद्ध — को समझेंगे।
यह जानना जरूरी है क्योंकि यही अवस्थाएं हमारे मन की स्थिति और आत्मिक उन्नति को प्रभावित करती हैं।
अगर आप जानना चाहते हैं कि ध्यान, योग और अध्यात्मिक साधना में स्थिरता कैसे पाई जाए — तो यह एपिसोड आपके लिए है।
🌍 In this episode, we explore the five states of mind according to yogic philosophy — Kshipta, Mudha, Vikshipta, Ekagra, and Niruddha.
Understanding these is essential for achieving mental clarity and spiritual progress.
If you're seeking focus in meditation and stability on your spiritual path, this episode is for you.