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Muskil hai apna mel pruye, ye pyaar nhi hai khel priye. Tum MA first devision ho, mai hua metric fail priye. Tum sony ka mobile ho, mai telephone vala chonga.
Geet naya gaata hoon
toote huye taaro se phate baasanti swar
pathar ki chaati main ug aaya nav ankur
zhare sab piley paat koyal ki kuhuk raat
prachi main
भगवान श्री कृष्ण ,पांडवों का अज्ञातवास पूर्ण होने के बाद जब राज्य बंटवारे का सन्देश दुर्योधन के पास लेकर जाते हैँ। दुर्योधन एक तृणमात्र भी देने से मना कर देता है और श्री कृष्ण को अपमानित करता है। .इससे भगवान क्रोधित हो जाते हैं। .. इसी प्रसंग को श्री रामधारी सिंह दिनकर जी अतुलनीय वर्णन किया है।
अटल बिहारी बाजपेई जी ने 15 अगस्त 1947 की पूर्व संध्या पर यह कविता प्रस्तुत की जिसके अंदर देश के अंदर हालातों और पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं पर अत्याचार कही बात की है । और उन्होंने इस कविता के अंदर अखंड भारत का सपना देखा है ।
इस कविता मे कुमार विश्वास ने प्रेम में डूबे हुए एक युवक की मन में आए उमंग उल्लास का वर्णन किया है , और उन्होंने यह भी बताया है कि जीवन ही उल्लास और उमंग का नाम है|
हल्दीघाटी प्रथम सर्ग, इस सर्ग में कवि ने उस बालक का वर्णन किया है जिसने तलवार की धार देखने के लिए अपनी उंगली काट दी, वो उस बात से कैसे पीछे हट जाए कि सिंह का वध उसने नहीं किया बल्कि महाराणा के भाले ने किया |