यादों और कहानियों का गहरा नाता है।
कुछ यादें दिल में रह जाती हैं और कुछ दिमाग में। अच्छी यादों को हम सारी उम्र संजो कर रखते हैं, उन्हें याद करते हैं और मुस्कुराते हैं क्योंकि ये यादें आपको गुदगुदाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं और कभी कभी आपकी आंखों में पानी ।
कितना अच्छा होता ना कि हम उन यादों को फिर से सजीव कर पाते, फिर से उन्हे जी पाते !
पता नहीं क्यूँ, पर शायद मुझे उन यादों को संजो कर रखने की फिक्र पिछले तीस वर्षों से थी और मैंने उनको संजो कर रखा हुआ था।
इस पॉडकास्टिंग चैनल के माध्यम से मैं बच्चों के विकास की बातें और कहानियाँ आपको सुनाता रहूँगा।
सुनते रहिए।
All content for PARENTINGBYALOK is the property of ALOK KUMAR and is served directly from their servers
with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
यादों और कहानियों का गहरा नाता है।
कुछ यादें दिल में रह जाती हैं और कुछ दिमाग में। अच्छी यादों को हम सारी उम्र संजो कर रखते हैं, उन्हें याद करते हैं और मुस्कुराते हैं क्योंकि ये यादें आपको गुदगुदाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं और कभी कभी आपकी आंखों में पानी ।
कितना अच्छा होता ना कि हम उन यादों को फिर से सजीव कर पाते, फिर से उन्हे जी पाते !
पता नहीं क्यूँ, पर शायद मुझे उन यादों को संजो कर रखने की फिक्र पिछले तीस वर्षों से थी और मैंने उनको संजो कर रखा हुआ था।
इस पॉडकास्टिंग चैनल के माध्यम से मैं बच्चों के विकास की बातें और कहानियाँ आपको सुनाता रहूँगा।
सुनते रहिए।
चिट्ठियों की कहानी - क्रम संख्या : 6 / STORIES OF LETTERS - SERIAL NO: 6 ---- LETTER DATED 22 -05 -1990
PARENTINGBYALOK
6 minutes 41 seconds
4 years ago
चिट्ठियों की कहानी - क्रम संख्या : 6 / STORIES OF LETTERS - SERIAL NO: 6 ---- LETTER DATED 22 -05 -1990
चिट्ठियों की कहानी - क्रम संख्या : 6 / STORIES OF LETTERS - SERIAL NO: 6 ---- LETTER DATED 22 -05 -1990
This letter is from a one year senior Alok Bhaiya , who had a special affinity and care for me.
PARENTINGBYALOK
यादों और कहानियों का गहरा नाता है।
कुछ यादें दिल में रह जाती हैं और कुछ दिमाग में। अच्छी यादों को हम सारी उम्र संजो कर रखते हैं, उन्हें याद करते हैं और मुस्कुराते हैं क्योंकि ये यादें आपको गुदगुदाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं और कभी कभी आपकी आंखों में पानी ।
कितना अच्छा होता ना कि हम उन यादों को फिर से सजीव कर पाते, फिर से उन्हे जी पाते !
पता नहीं क्यूँ, पर शायद मुझे उन यादों को संजो कर रखने की फिक्र पिछले तीस वर्षों से थी और मैंने उनको संजो कर रखा हुआ था।
इस पॉडकास्टिंग चैनल के माध्यम से मैं बच्चों के विकास की बातें और कहानियाँ आपको सुनाता रहूँगा।
सुनते रहिए।