यादों और कहानियों का गहरा नाता है।
कुछ यादें दिल में रह जाती हैं और कुछ दिमाग में। अच्छी यादों को हम सारी उम्र संजो कर रखते हैं, उन्हें याद करते हैं और मुस्कुराते हैं क्योंकि ये यादें आपको गुदगुदाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं और कभी कभी आपकी आंखों में पानी ।
कितना अच्छा होता ना कि हम उन यादों को फिर से सजीव कर पाते, फिर से उन्हे जी पाते !
पता नहीं क्यूँ, पर शायद मुझे उन यादों को संजो कर रखने की फिक्र पिछले तीस वर्षों से थी और मैंने उनको संजो कर रखा हुआ था।
इस पॉडकास्टिंग चैनल के माध्यम से मैं बच्चों के विकास की बातें और कहानियाँ आपको सुनाता रहूँगा।
सुनते रहिए।
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यादों और कहानियों का गहरा नाता है।
कुछ यादें दिल में रह जाती हैं और कुछ दिमाग में। अच्छी यादों को हम सारी उम्र संजो कर रखते हैं, उन्हें याद करते हैं और मुस्कुराते हैं क्योंकि ये यादें आपको गुदगुदाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं और कभी कभी आपकी आंखों में पानी ।
कितना अच्छा होता ना कि हम उन यादों को फिर से सजीव कर पाते, फिर से उन्हे जी पाते !
पता नहीं क्यूँ, पर शायद मुझे उन यादों को संजो कर रखने की फिक्र पिछले तीस वर्षों से थी और मैंने उनको संजो कर रखा हुआ था।
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चिट्ठियों की कहानी - क्रम संख्या :14 - STORY OF LETTERS - SL NO:14 - पापा जी की चिट्ठी (2) 30-04-1990
PARENTINGBYALOK
6 minutes 45 seconds
4 years ago
चिट्ठियों की कहानी - क्रम संख्या :14 - STORY OF LETTERS - SL NO:14 - पापा जी की चिट्ठी (2) 30-04-1990
चिट्ठियों की कहानी - क्रम संख्या :12 - STORY OF LETTERS - SL NO:12 - पापा जी की चिट्ठी (2) 30-04-1990
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यादों और कहानियों का गहरा नाता है।
कुछ यादें दिल में रह जाती हैं और कुछ दिमाग में। अच्छी यादों को हम सारी उम्र संजो कर रखते हैं, उन्हें याद करते हैं और मुस्कुराते हैं क्योंकि ये यादें आपको गुदगुदाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं और कभी कभी आपकी आंखों में पानी ।
कितना अच्छा होता ना कि हम उन यादों को फिर से सजीव कर पाते, फिर से उन्हे जी पाते !
पता नहीं क्यूँ, पर शायद मुझे उन यादों को संजो कर रखने की फिक्र पिछले तीस वर्षों से थी और मैंने उनको संजो कर रखा हुआ था।
इस पॉडकास्टिंग चैनल के माध्यम से मैं बच्चों के विकास की बातें और कहानियाँ आपको सुनाता रहूँगा।
सुनते रहिए।